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Tuesday, 1 October 2013

02 अक्‍टूबर गॉधी जयन्‍ती - महात्‍मा गॉधी और लाल बहादुर शास्‍त्री- अमर रहे।

महात्‍मा गॉधी पर माल्‍यार्पण करते हुए श्री नरेन्‍द्र शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, फर्रूखाबाद

महात्‍मा गॉधी पर माल्‍यार्पण करते हुए श्री जगरूप संखवार, उपबेसिक शिक्षा अधिकारी,फर्रूखाबाद

 लाल बहादुर शास्‍त्री पर माल्‍यार्पण करते हुए श्री गजेन्‍द्र सिंह, वित्‍त एवं लेखाधिकारी, बे0शि0 फर्रूखाबाद
 कार्यालय स्‍टाफ

02 अक्‍टूबर गॉधी जयन्‍ती - महात्‍मा गॉधी और लाल बहादुर शास्‍त्री- अमर रहे।


(2 अक्टूबर 1869 - 30 जनवरी 1948) ब्रिटिश शासित भारत में भारतीय राष्ट्रवाद के preeminent नेता थे। अहिंसा के पुजारी, सविनय अवज्ञा आदोलन, नागरिक अधिकारों और दुनिया भर में भारत की स्वतंत्रता के लिए और प्रेरित आंदोलनों में भारत का नेतृत्व किया। गुजरात में जन्‍में , लंदन में कानून में प्रशिक्षित, गांधी जी उस समय के प्रथम भारतीय थे, जो दक्षिण अफ्रीका में एक प्रवासी वकील के रूप में अहिंसक सविनय अवज्ञा नियोजित कर नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष, 1915 में भारत लौटने के बाद उन्होंने अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर किसानों को और शहरी मजदूरों के बारे आन्‍दोलन किये थे। 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व संभालने गांधी , महिलाओं के अधिकारों का विस्तार , धार्मिक और जातीय सौहार्द का निर्माण, अस्पृश्यता समाप्त, गरीबी सहजता के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान का नेतृत्व किया, लेकिन सब से ऊपर स्वराज या स्वशासन को प्राप्त करने के लिए गांधी और बाद में 1942 में भारत छोड़ने के लिए 400 किमी ( 250 मील) में 1930 में दांडी नमक मार्च के साथ ब्रिटिश द्वारा लगाए गए नमक कर को चुनौती देने में भारतीयों का नेतृत्व किया। उन्‍हें दक्षिण अफ्रीका और भारत दोनों में कई अवसरों पर कई वर्षों के लिए जेल में डाल दिया गया था। गांधी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का चलने का प्रयास किया और दूसरों को भी ऐसा ही करने की वकालत की। उन्होंने एक आत्मनिर्भर आवासीय समुदाय में शालीनता से रहते थे और स्‍वयं चरखे पर धागा तथा हाथ से बुने हुए पारंपरिक भारतीय धोती और शॉल, पहनते थे। उन्‍होनें सरल शाकाहारी खाना खाया और भी आत्म - शुद्धि और सामाजिक विरोध दोनों के लिए लंबे समय तक उपवास किया।



(2 अक्टूबर, 1904 - 11 जनवरी 1966 ) श्री लाल बहादुर शास्‍त्री भारत गणराज्य के दूसरे प्रधानमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के एक नेता थे।
शास्त्रीजी ने 1920 के दशक में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। शास्‍त्री जी महात्मा गांधी से प्रभावित थे, वह पहले गांधी के एक वफादार अनुयायी थे और फिर जवाहरलाल नेहरू की 1947 में स्वतंत्रता के बाद, वह सरकार में शामिल हो गए और प्रधानमंत्री नेहरू की प्रमुख सहयोगी में से एक बन गया है, पहले रेल मंत्री ( 1951-56 ) और फिर गृह मंत्री सहित अन्य कार्यों को करते रहे। नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री की कांग्रेस अध्यक्ष के कामराज के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, इसके बाद शास्त्रीजी नेहरूवादी समाजवाद के प्रति उनके लगाव को नेहरू के उत्तराधिकारी के कारण के रूप में चुना गया था ।
प्रधानमंत्री के रूप में शास्त्री गुटनिरपेक्षता और समाजवाद की नेहरू की नीतियों को जारी रखा। वह 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में जीत के बाद एक राष्ट्रीय नायक बन गए. " जय जवान जय किसान " का उनका नारा युद्ध के दौरान बहुत लोकप्रिय हो गया है और आज भी याद किया जाता है । युद्ध औपचारिक रूप से 10 जनवरी 1966 के ताशकंद समझौते में समाप्त हो गया था, वह एक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। 

उत्‍तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ फर्रूखाबाद द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को मॉगपत्र सौंपा, समायोजन सूची निरस्‍त करने की मॉग।

आज उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ के संगठन के संयोजक श्री नरेन्‍द्र पाल सिंह राजपूत एवं सह संयोजन श्री भूपेश प्रकाश पाठक के साथ लगभग आधा सैकड़ा शिक्षकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष अपनी समस्‍याओं का मॉगपत्र रखा गया, उनके द्वारा अवगत कराया गया कि समायोजन सूची व निरस्‍तीकरण/संसोधन आदेश गलत तरीके से जारी किये गये है, अत- इसे निरस्‍त किया जाना चाहिए, समायोजन/ससोंधन पर कार्फी तक वितर्क किये गये। साथ ही शिक्षक संघ के नेताओं द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में मतदाता पुनरीक्षण कार्य प्रारम्‍भ हो गया है। अत- ऐसी स्थिति में समायोजन पूर्ण रूप से प्रभावी नहीं किया जा सकता है। इस सम्‍बन्‍ध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री नरेन्‍द्र शर्मा द्वारा बताया गया कि समायोजित अध्‍यापकों पर दबाव नहीं है, कि वह समोजित विद्यालय में कार्यभार करें, जो उसकी स्‍वेच्‍छा पर निर्भर है। इस सम्‍बन्‍ध में खण्‍ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह अपने स्‍तर से विद्यालय खुलवाने की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करें। साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी  द्वारा श्री राजीव यादव, स्‍टेनो को जल्‍द वरिष्‍ठता सूची जारी करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही संगठन द्वारा विद्यालय समय को 10 से 04 बजे की बजाय बच्‍चों के हित को देखते हुए अक्‍टूबर माह तक 08 बजे से 01 बजे तक रखा जाना चाहिए तथा संयोजक मण्‍डल के नेता श्री भूपेश प्रकाश पाठक ने बताया कि श्री जबर सिंह यादव ही प्रदेश महामन्‍त्री है, श्री सुरेन्‍द्र सिंह यादव फर्जी महामन्‍त्री है इस सम्‍बन्‍ध में उन्‍होने रजिस्‍ट्रार श्री अजय गुप्‍ता द्वारा जारी पत्र भी समक्ष रखा, जिसमें बताया गया है कि समस्‍त शाखाओं का कार्य की देखभाल, पत्र आदि जारी करना तथा उन्‍हें प्रोत्‍साहित करने के महामन्‍त्री श्री जबर सिंह द्वारा किये जायेगें। श्री गुप्‍ता द्वारा बताया गया कि प्रादेशिक महामन्‍त्री श्री जबर सिंह ही है।