मानव विकास मंत्रालय का झटका | परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए मिली 31 मार्च 2015 तक की मोहलत
नई दिल्ली |
नई दिल्ली |
नियमित शिक्षक होने की उम्मीद लगाये, बैठे देश भर के लाखो शिक्षामित्रों के अस्थायी गुजारे पर पर ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तलवार लटक गयी है| मंत्रालय ने साफ किया है, कि बिना टीईटी पास किये ऐसे शिक्षक 31 मार्च 2015 के बाद शिक्षण कार्य में नही रह पाएंगे | बताते चले कि यूपी, बिहार समेत करीब दर्जन भर राज्यों में योग्य शिक्षकों की अनुपलब्धता को देखते हुए शिक्षामित्रो व अस्थायी शिक्षको की भर्ती की गयी है | बताया जाता है कि देश भर में ऐसे शिक्षकों की संख्या छह लाख से उपर है | ये अस्थायी शिक्षक राज्य सरकारों पर नियमित शिक्षक बनाने का दबाव भी बनाये हुए हैं | विकास यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री को शिक्षा मित्रो का बड़ा विरोध भी झेलना भी पड़ा है | यूपी में इस मांग को लेकर लखनऊ में बड़े बड़े आन्दोलन हुए |
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2015 के बाद किसी भी ऐसे शिक्षकों की तैनाती नही रह जायेगी |इस फरमान के बाद शिक्षा मित्रों को टीईटी और शिक्षण प्रक्षिक्षण से राहत पाने की उम्मीदे ख़त्म हो गयी हैं | मंत्रालय के मुताबिक अगर ये स्थायीकरण चाहते हैं तो उन्हें दो वर्षो के भीतर अनिवार्य रूप से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड ) का प्रशिक्षण और टीईटी पास करनी होगी | जानकारी के मुताबिक कई राज्यों ने शिक्षा मित्रों को टीईटी से राहत देने के बारे में सरकार से दिशा निर्देश मांगे थे , जिसमे मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छूट से इनकार कर दिया है ।
अशंकालिक अनुदेशकों को लग सकता है झटका -
प्रदेश में शासन द्वारा 41000 अंशकालिक अनुदेशकों की जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती कर जहॉ बिना बी0टी0सी0/बी0एड व टी0ई0टी0 उत्तीर्ण किये अभ्यर्थियों को रू0 7000/- मानेदय देकर तोहफा दिया है, वहीं उनके भविष्य को लेकर प्रश्न चिन्ह लगने लगे है। आज लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्र जहॉ शिक्षक बनने के सपने देख रहे है, और उन्हें हर तरह से सघर्ष करना पड् रहा है, परन्तु उनके शिक्षक बनने के लिए हाईकोर्ट एवं एन0सी0टी0ई0 ने भी टी0ई0टी0 उत्तीर्ण की अनिवार्यता की मोहर लगा दी है, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2015 के बाद किसी भी ऐसे शिक्षकों की तैनाती नही रह जायेगी | ऐसे में देखना होगा कि अंशकालिक अनुदेशक जो कई सपने सजोयें शिक्षक बनने की तलाश में भर्ती हुए है, उनका भविष्य कैसा होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
नियमित शिक्षक होने की उम्मीद लगाये, बैठे देश भर के लाखो शिक्षामित्रों के अस्थायी गुजारे पर पर ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तलवार लटक गयी है| मंत्रालय ने साफ किया है, कि बिना टीईटी पास किये ऐसे शिक्षक 31 मार्च 2015 के बाद शिक्षण कार्य में नही रह पाएंगे | बताते चले कि यूपी, बिहार समेत करीब दर्जन भर राज्यों में योग्य शिक्षकों की अनुपलब्धता को देखते हुए शिक्षामित्रो व अस्थायी शिक्षको की भर्ती की गयी है | बताया जाता है कि देश भर में ऐसे शिक्षकों की संख्या छह लाख से उपर है | ये अस्थायी शिक्षक राज्य सरकारों पर नियमित शिक्षक बनाने का दबाव भी बनाये हुए हैं | विकास यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री को शिक्षा मित्रो का बड़ा विरोध भी झेलना भी पड़ा है | यूपी में इस मांग को लेकर लखनऊ में बड़े बड़े आन्दोलन हुए |
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2015 के बाद किसी भी ऐसे शिक्षकों की तैनाती नही रह जायेगी |इस फरमान के बाद शिक्षा मित्रों को टीईटी और शिक्षण प्रक्षिक्षण से राहत पाने की उम्मीदे ख़त्म हो गयी हैं | मंत्रालय के मुताबिक अगर ये स्थायीकरण चाहते हैं तो उन्हें दो वर्षो के भीतर अनिवार्य रूप से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड ) का प्रशिक्षण और टीईटी पास करनी होगी | जानकारी के मुताबिक कई राज्यों ने शिक्षा मित्रों को टीईटी से राहत देने के बारे में सरकार से दिशा निर्देश मांगे थे , जिसमे मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छूट से इनकार कर दिया है ।
अशंकालिक अनुदेशकों को लग सकता है झटका -
प्रदेश में शासन द्वारा 41000 अंशकालिक अनुदेशकों की जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती कर जहॉ बिना बी0टी0सी0/बी0एड व टी0ई0टी0 उत्तीर्ण किये अभ्यर्थियों को रू0 7000/- मानेदय देकर तोहफा दिया है, वहीं उनके भविष्य को लेकर प्रश्न चिन्ह लगने लगे है। आज लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्र जहॉ शिक्षक बनने के सपने देख रहे है, और उन्हें हर तरह से सघर्ष करना पड् रहा है, परन्तु उनके शिक्षक बनने के लिए हाईकोर्ट एवं एन0सी0टी0ई0 ने भी टी0ई0टी0 उत्तीर्ण की अनिवार्यता की मोहर लगा दी है, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2015 के बाद किसी भी ऐसे शिक्षकों की तैनाती नही रह जायेगी | ऐसे में देखना होगा कि अंशकालिक अनुदेशक जो कई सपने सजोयें शिक्षक बनने की तलाश में भर्ती हुए है, उनका भविष्य कैसा होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।