माध्यमिक व बेसिक स्कूलों के सेवानिवृत्त शिक्षकों को जीपीएफ चेक वितरण समारोह के दौरान पहुंचे होमगार्ड राज्यमंत्री नरेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि अब शिक्षक पढ़ाई पर ध्यान न देकर नेता व व्यापारी बन गये हैं। शिक्षक अब नेतागीरी में ज्यादा ध्यान देते हुए हर दो तीन माह में अपनी मांगों को लेकर लड़ने लगते हैं।
फतेहगढ़ स्थित बालिका राजकीय इंटर कालेज में हुए समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आये माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर ने कहा कि शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। शिक्षक हर दो माह बाद अपनी मांगों को लेकर लड़ने लगते हैं। पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि शिक्षकों का काम है शिक्षा देना न कि अपने हकों के लिए लड़ाई लड़ना। शिक्षक पहले खुद पढ़ें और बाद में छात्रों को पढ़ायें।
वहीं होमगार्ड एवं पीआरडी मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि शिक्षक अब शिक्षक नहीं रह गये। वह तो अब नेता और व्यापारी बन चुके हैं। वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते। स्कूल बनवाना व नेतागीरी करके अपने लिए लड़ाई लड़ना ही शिक्षकों का काम बनता जा रहा है। जिसको लेकर आये दिन शिक्षक सड़कों पर देखे जा सकते हैं।समारोह में माध्यमिक स्तर के 76 सेवानिवृत्त शिक्षकों को जीपीएफ की चेकें वितरित की गयीं। वहीं बेसिक शिक्षा में 156 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। लेकिन मात्र 96 शिक्षकों की ही फाइलें पूर्ण हो सकीं जिससे अन्य 60 शिक्षकों को अभी और भी इंतजार करना पड़ेगा।
फतेहगढ़ स्थित बालिका राजकीय इंटर कालेज में हुए समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आये माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर ने कहा कि शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। शिक्षक हर दो माह बाद अपनी मांगों को लेकर लड़ने लगते हैं। पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि शिक्षकों का काम है शिक्षा देना न कि अपने हकों के लिए लड़ाई लड़ना। शिक्षक पहले खुद पढ़ें और बाद में छात्रों को पढ़ायें।
वहीं होमगार्ड एवं पीआरडी मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि शिक्षक अब शिक्षक नहीं रह गये। वह तो अब नेता और व्यापारी बन चुके हैं। वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते। स्कूल बनवाना व नेतागीरी करके अपने लिए लड़ाई लड़ना ही शिक्षकों का काम बनता जा रहा है। जिसको लेकर आये दिन शिक्षक सड़कों पर देखे जा सकते हैं।समारोह में माध्यमिक स्तर के 76 सेवानिवृत्त शिक्षकों को जीपीएफ की चेकें वितरित की गयीं। वहीं बेसिक शिक्षा में 156 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। लेकिन मात्र 96 शिक्षकों की ही फाइलें पूर्ण हो सकीं जिससे अन्य 60 शिक्षकों को अभी और भी इंतजार करना पड़ेगा।