Breaking News -
बाल अधिकार अधिनियम 2011- बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 का शासनादेश स्कूल चलो अभियान- वर्ष 2015 स्कूल चलो अभियान शासनादेश नि:शुल्‍क यूनीफार्म- वर्ष 2015-16 नि:शुल्‍क यूनीफार्म शासनादेश परिषदीय अवकाश- वर्ष 2015 की अवकाश तालिका एवं विद्यालय खुलने की समयसारि‍णी मृतक आश्रित- मृतक आश्रित सेवा नियमावली अध्‍यापक सेवा नियमावली- अध्‍यापक सेवानियमावली 2014 साक्षर भारत मिशन- समन्‍वयक एवं प्रेरक के कार्य एवं दायित्‍व विद्यालय प्रबन्‍ध समिति- विद्यालय प्रबन्‍ध समिति के कार्य एवं दायित्‍व परिषदीय पाठयक्रम- परिषदीय विद्यालयों का मासिक पाठयक्रम प्राइमरी प्रशिक्षु भर्ती - प्रशिक्षु भर्ती शासनादेश जूनियर भर्ती- जूनियर गणित/विज्ञान भर्ती का शासनादेश शिक्षामित्र - शिक्षामित्र समायोजन का शासनादेश प्रसूति/बाल्‍यकाल - प्रसूति एवं बाल्‍यकाल अवकाश सम्‍बन्‍धी शासनादेश अलाभित/दुर्बल प्रवेश सम्‍बन्‍धी - शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्‍तर्गत 25 प्रतिशत एडमिशन सम्‍बन्‍धी शासनादेश पति/पत्नी HRA शासनादेश - राजकीय सेवा में पति/ पत्नी दोनों के कार्यरत होने पर मकान किराया भत्ता आदेश अमान्य विद्यालय सम्बन्धी शासनादेश - अमान्य विद्यालय बंद करने एवं नवीन मान्यता शर्तो सम्बन्धी शासनादेश UPTET 2011 परीक्षा परिणाम - UPTET 2011 परीक्षा परिणाम का Verification करने के लिए

Wednesday, 22 May 2013

'प्रशिक्षित टीचरों को ही मिले पढ़ाने का अधिकार - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि स्कूलों में पढ़ाने का अधिकार सिर्फ प्रशिक्षित टीचरों के पास ही है।
राज्य में बिना शैक्षिक योग्यता को आधार बनाए एड हॉक प्राइमरी टीचरों की भर्ती करने के मामले में सर्वोच्च अदालत ने गुजरात सरकार से जवाब तलब करते हुए यह टिप्पणी की।
जस्टिस बीएस चौहान और दीपक मिश्रा की बेंच ने इस तरह के सिस्टम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह के कदम से पूरा शिक्षा तंत्र बर्बाद हो रहा है और इस प्रदूषित एप्रोच को किसी भी हालत में अनुमति नहीं दी जा सकती।
राज्य के प्राइमरी स्कूलों में ‘विद्या सहायक’ की नियुक्ति के मामले में गुजरात सरकार की याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से उन सभी नियमों की जानकारी मांगी है, जिसके तहत इन एड हॉक टीचरों की भर्ती की गई है।
साथ ही उसने स्थायी टीचरों और अस्थायी की विस्तृत जानकारी वाला तुलनात्मक चार्ट भी मांगा है, जिसमें उनकी शैक्षिक योग्यता और वेतन की जानकारी शामिल हो।

बेंच ने कहा, ‘प्रशिक्षित टीचरों द्वारा ही शिक्षा दी जानी चाहिए। आपको विद्या सहायक से संबंधित चयन प्रक्रिया, शैक्षिक योग्यता, कार्यकाल और अन्य जानकारी विस्तृत रूप से देनी होगी।’
सोमवार को हुई अंतिम सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने प्राइमरी स्कूलों में एड हॉक नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस तरह की नीतियों से पूरा शिक्षा तंत्र और देश का भविष्य बर्बाद हो रहा है।
बेंच ने कहा, ‘आप इस तरह की नीतियों को कैसे लागू कर सकते हैं जबकि भारतीय संविधान में अनुच्छेद-21ए मौजूद है। यह चौंकाने वाला है। यूपी में इस तरह की नियुक्तियां हो रही हैं। ये शिक्षा सहायक शिक्षा शत्रु हैं।’