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Monday, 20 May 2013

शिक्षा के लिए घातक तदर्थ नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये शिक्षा सहायक हैं या शिक्षा शत्रु


• कोर्ट ने ऐसी नियुक्तियों पर जताई नाराजगी
राज्यों में समुचित योग्यता के बगैर ही प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की तदर्थ नियुक्तियों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस तरह की नीतियां समूची शिक्षा व्यवस्था और देश के भविष्य को ही चौपट कर रही हैं।
जस्टिस बीएस चौहान और जस्टिस दीपक मिश्र की पीठ ने इस व्यवस्था से असहमति व्यक्त करते हुए जानना चाहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद इस नीति को कैसे आगे बढ़ाया जा सकेगा। पीठ ने गुजरात के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा सहायक की नियुक्ति से संबंधित मामले में राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि हम ऐसे शिक्षकों की योग्यता के बारे में जानना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों की योग्यता और नियुक्तियों से संबंधित विवरण तैयार करने का राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21ए के अस्तित्व में आने के बाद आप इस तरह की नीति कैसे बना सकते हैं। इस तरह की नीति से अदालत भी आश्चर्यचकित है।
उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की नियुक्तियां की गई हैं। ये शिक्षा सहायक हैं या शिक्षा शत्रु हैं। अदालत ने कहा कि कई राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की तदर्थ नियुक्तियां की जा रही हैं और इसके लिए उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में एक चौथाई कम वेतन मिलता है।पीठ ने कहा कि जब हमने अनुच्छेद 21ए पर अमल कर लिया है तो फिर क्या हम इस व्यवस्था को अनुमति दे सकते हैं? हमारी चिंता शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर है। बच्चों को दी जा रही शिक्षा के प्रति अदालत काफी गंभीर हैं। हम समुचित योग्यता नहीं रखने वालों को तदर्थ शिक्षक नियुक्त करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर रहे हैं।

शिक्षक उन्नयन गोष्ठी में अच्छा कार्य करने वाले शिक्षक सम्मानित


भीषण गर्मी में एक शीतगृह में शिक्षक उन्नयन गोष्ठी का आयोजन किया गया।  मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने अच्छा काम करने वाले शिक्षकों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया।
 इस दौरान भीषण गर्मी में पानी और पंखे की व्यवस्था न होने से प्रधानाध्यापक कश्मीर सिंह यादव की खंड शिक्षाधिकारी सुमित कुमार से नोकझोंक होने लगी।  
बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत प्रसाद पटेल ने शिक्षक शिक्षिकाओं को कर्तव्यनिष्ठा एवं समय पालन की शपथ दिलाई। शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों को शैक्षिक गुणवत्ता, विद्यालय के रखरखाव को दुरुस्त रखने को प्रेरित किया। उत्कृष्ट कार्य के लिए ब्लाक से चयनित पांच शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। राजेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से बैनर लगाया गया। कई शिक्षक नेता कार्यक्रम को संबोधित करने की फिराक में रहे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल सका। शिक्षक अभिप्रेरण कार्यशाला में पेयजल व पंखों की समुचित व्यवस्था न होने से अध्यापक-अध्यापिकाएंगर्मी से बेहाल रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि जुलाई से पहले ड्रेसें और किताबें आ जाएंगी। बीएसए ने अच्छा कार्य करने वाले शिक्षक राकेश कुमार, प्रहलाद सिंह, नीरजा बाथम, रिषी वर्मा, जबर सिंह, गुलफाम और सीमा पथरिया को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी जगरूप शंखवार, बीईओ पोप सिंह, हेमलता, ज्ञानप्रकाश अवस्थी, डीसी एसएन मिश्र, सुनील कटियार, सह समन्वयक पियूष कटियार, वीरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे। 



अशंकालिक अनुदेशकों के नियुकित पत्र आनलाइन जारी होगें :-

अशंकालिक अनुदेशकों के नियुकित पत्र आन लाइन जारी किये जायेगें, इसके लिए चयनित अभ्यर्थियों को 10 दिन के अन्दर कार्यभार ग्रहण करना होगा, नियुकित के साथ अनुदेशक का सर्विस कान्टेक्ट भराया जायेगा, जो 11 महीने के लिए रू0 7000 पर मान्य होगा। साथ ही उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन भी कराया जायेगा, यदि कोइ प्रमाण पत्र फर्जी/कूटरचित पाया जायेगा, तो उसकी संविदा समाप्त करते हुए उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। 
इस सम्बन्ध में राज्य परियोजना कार्यालय , लखनउ ने दि0 20.05.13 को दिशा निर्देश जारी कर दिये है। पूर्व की भाति डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से आनलार्इन नियुकित पत्र जारी किये जायेगें, इस सम्बन्ध में जारी दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से दी जायेगी। आनलाइन कम्प्यूटर पर चयनित अनुदेशकों के सम्मुख डिस्पैच नम्बर व दिनांक सहित विधालय व विकासक्षेत्र का पूर्ण विवरण अंकित किया जायेगा, जिसे डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से सत्यापित करने के उपरान्त आनलाइन प्राप्त किये जायेगें, चयनित अनुदेशकों को 01 जुलाइ से अपना कार्य प्रारम्भ करना होगा।