प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को अब बच्चों को पढ़ाने के अलावा दूसरे सरकारी कामों में नहीं लगाया जा सकेगा। मानव संसाधन मंत्रालय ने आरटीई एक्ट का हवाला देते हुए सभी राज्यों से इस पर अमल करने को कहा है।
एक्ट के तहत शिक्षकों को अब केवल विशेष परिस्थितियों में चुनाव व जनगणना कार्य तथा आपदा राहत जैसे कामों में लगाया जा सकेगा। इसके अलावा उन्हें अन्य किसी सरकारी योजना के तहत होने वाले कार्यों में नहीं लगाया जा सकेगा।
मानव संसाधन राज्यमंत्री शशि थरूर ने बताया कि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्राइमरी शिक्षकों को हर योजना के लिए आंकड़े जुटाने व अन्य कार्यों में तैनात करने से छात्रों की पढ़ाई अच्छी तरह नहीं हो पाती। इस बात को ध्यान में रखते हुए एक्ट में शिक्षकों को पढ़ाने के अलावा अन्य कार्यों में लगाने से मनाही की गई है।
•विशेष परिस्थिति में आपदा राहत, चुनाव तथा जनगणना में शिक्षकों की ली जा सकती है मदद!
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