प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों और मैनेजमेंट संस्थानों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग सोमवार से शुरू होगी। इसको लेकर शहर में नौ काउंसलिंग सेंटर बनाए गए हैं। अभ्यर्थी सोमवार से शैक्षिक दस्तावेज और अन्य प्रमाणपत्रों का वेरिफिकेशन कराएंगे। फिर बीएड काउंसलिंग की तर्ज पर अभ्यर्थियों के मोबाइल नंबर पर लॉगिन आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा। इसी के सहारे सरकारी, गैरसरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और उनकी सीटों का विकल्प लॉक किया जा सकता है। यह काउंसलिंग 22 जुलाई तक चलनी है। 23 जुलाई को सीटों का अलाटमेंट होगा।
एसईई के तहत सोमवार से शुरू हो रही काउंसलिंग के पहले तीन दिन (आठ, नौ, 10 जुलाई) को बीटेक में एडमिशन की सीटें भरी जाएंगी। इसके लिए सोमवार को 10 हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। अभ्यर्थी पहले दस्तावेजों का सत्यापन कराएंगे, फिर लॉगिन आईडी, पासवर्ड के सहारे कहीं से भी कॉलेज, उनकी सीटों का विकल्प लॉक कर सकेंगे। 23 जुलाई को सीटों का अलाटमेंट होगा। जिस अभ्यर्थी को सीट मिलेगी, वह 24 जुलाई को संबंधित काउंसलिंग सेंटर पर जाकर 10 हजार रुपये फीस जमा करेगा। फीस जमा होने के बाद ही सीट कनफर्म मानी जाएगी। यह फीस रिफंडडेबल है। फीस जमा न होने पर सीटों का अलाटमेंट निरस्त हो सकता है। 11 जुलाई से बीटेक, एमबीए की काउंसलिंग एक साथ होगी। पीएसआईटी के डायरेक्टर प्रो. एके सक्सेना ने बताया कि शैक्षिक दस्तावेज के वेरिफिकेशन के 24 घंटे के अंदर कॉलेज, सीटों का विकल्प लॉक करना होगा। कंप्यूटर पर विकल्प लॉक करने के लिए 90 मिनट का समय मिलेगा। इस अवधि में विकल्प लॉक नहीं हुआ तो लॉगिन आईडी, पासवर्ड अपने आप बेकार हो जाएंगे। दोबारा काउंसलिंग जीबीटीयू से अनुमति लेने के बाद ही कराई जा सकेगी।
काउंसलिंग का बीएड में रहा खट्टा अनुभव
कानपुर। काउंसलिंग का हाईटेक सिस्टम बीएड में फेल हो चुका है। पहले चरण की आनलाइन काउंसलिंग के दौरान लगभग 60 हजार सीटें भरी जा सकी थीं। दो जुलाई से पूल सिस्टम की काउंसलिंग शुरू हुई, वह भी बेकार गई है। अब तक 10 हजार अभ्यर्थियों ने शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराया है। इन सभी को आठ, नौ और 10 जुलाई को सीटों का विकल्प लॉक करना है। सभी ने विकल्प लॉक किया तो भी लगभग 50 हजार सीटें खाली रह जाएंगी। यही नहीं पूल सिस्टम की काउंसलिंग में भी गोरखपुर यूनिवर्सिटी का मिस मैनेजमेंट सामने आया है।
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