आप अवगत हो बिहार के छपरा में जहरीले मिड-डे मील खाने से अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी, जबकि करीब 40 बच्चे बीमार हैं, इस दुखद घटना के बाद छपरा में बवाल मचा हुआ है। उक्त घटना से सबक लेने की आवश्यकता है।
मिड डे मील जैसी संवेदनशील योजना में शिक्षकगण लापरवाही कदापि न बरतें। मिड डे मील बनाने से लेकर वितरण करते समय तक सभी शिक्षकों का दायित्व है, कि उक्त योजना में सचेत होकर ध्यान देने की आवश्यकता है-
- मिड डे मील में मसाले का प्रयोग ब्राडेण्ड कम्पनी का प्रयोग करना चाहिए।
- सभी प्रकार के मसाले बन्द पैकेट में होना चाहिए।
- जिस स्थान पर भोजन का बनाया जा रहा है, सबसे पहले उस कमरे की सफाई अवश्य करवायें।
- खाद्यान्न प्राप्त होने के उपरान्त उसकी स्वच्छता/गुणवत्ता की चेकिंग अवश्य करें।
- सब्जी काटने के बाद एवं पकाते समय उसको ढक कर रखें।
- चावल बनाने से पहले उनको धोकर पकाया जाये।
- किचेन में यदि कोई नहीं है, तो तुरन्त कमरे को बन्द कर दें।
- खाना बनाते समय या उसके उपरान्त पास के विद्यालय प्रबन्धन समिति के सदस्यों एवं अभिभावकों को अवश्य बुलालें और उनकी देखरेख में खाना परोसा जाये।
- खाना खाने के पहले एवं उपरान्त बच्चों को हाथ धोने के लिए प्रेरित करें।
- जितने बच्चों ने खाना खाया है, उसका सही-सही ब्योरा पंजिका पर अंकन करें।
- मिड डे मील योजना में यदि कोई कठिनाई हो या संचालन ठीक प्रकार से न हो रहा हो, तो इस सम्बन्ध में विद्यालय प्रबन्धन समिति की बैठक कर समस्या का निस्तारण करायें।
- समस्या यदि गम्भीर हो, तो इस सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाकर सम्बन्धित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत करायें।
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