मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने क्रिमिनल अपील संख्या 135-10 बुधदेव कर्मस्कर बनाम पश्चिम बंगाल राज्य (जनहित याचिका में परिवर्तित) में सेक्स वर्कस की पुर्नस्थापना हेतु योजनाऍ तैयार करने में मानव संसाधन विकास मन्ञालय भारत सरकार को विद्यालयों में प्रवेश व शिक्षा प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को द़ष्टिगत रखते हुए समुचित दिशा निर्देश प्रदान किये है, मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दि0 15-09-2011 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु निम्नवत निर्देश्ा दिये जाते है -
1- विद्यालयों में प्रवेश एवं शिक्षा ग्रहण करने में सेक्स वर्कस के बच्चों से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जायेगा, उनके साथ सामान्य बच्चों जैसा व्यवहार किया जायेगा
2- सेक्स वर्कस बच्चों को उ0प्र0 के समस्त परशिदीय, राजकीय सहायता प्राप्त एवं स्थानीय निकाय द्वारा संचालित विद्यालयों में संगत कक्षा में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुक्रम के प्रवेश दिया जायेगा
3- बच्चों के प्रवेश हेतु उनके आवासीय पते एवं माता पिता के व्यवसाय के विषिय में जानकारी प्राप्त करने पर जोर नहीं दिया जायेगा तथा प्राप्त जानकारी को गापनीय रखा जायेगा
4- पिता के नाम के अभाव में माता का नाम अंकित कर लिया जाये
5- बच्चों की जन्मतिथि के विष्य में जन्म प्रमाण पञ पर जोर नही दिया जायेगा
6- यह भी सुनिश्चित हो कि बच्चों के सामाजिक स्तर के कारण इनकी पढाई में किसी प्रकार की व्यवधान न हो
1- विद्यालयों में प्रवेश एवं शिक्षा ग्रहण करने में सेक्स वर्कस के बच्चों से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जायेगा, उनके साथ सामान्य बच्चों जैसा व्यवहार किया जायेगा
2- सेक्स वर्कस बच्चों को उ0प्र0 के समस्त परशिदीय, राजकीय सहायता प्राप्त एवं स्थानीय निकाय द्वारा संचालित विद्यालयों में संगत कक्षा में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुक्रम के प्रवेश दिया जायेगा
3- बच्चों के प्रवेश हेतु उनके आवासीय पते एवं माता पिता के व्यवसाय के विषिय में जानकारी प्राप्त करने पर जोर नहीं दिया जायेगा तथा प्राप्त जानकारी को गापनीय रखा जायेगा
4- पिता के नाम के अभाव में माता का नाम अंकित कर लिया जाये
5- बच्चों की जन्मतिथि के विष्य में जन्म प्रमाण पञ पर जोर नही दिया जायेगा
6- यह भी सुनिश्चित हो कि बच्चों के सामाजिक स्तर के कारण इनकी पढाई में किसी प्रकार की व्यवधान न हो
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