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Tuesday 23 April 2013

बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा आज

24 अप्रैल को प्रवेश परीक्षा का समय
(सुबह 8-11 बजे: सामान्य ज्ञान, हिंदी और इंग्लिश का फर्स्ट पेपर )
(दोपहर 1-4 बजे: तर्क शक्ति परीक्षण, कला, विज्ञान, वाणिज्य, कृषि की विषय योग्यता का सेकेंड पेपर)
ये जरूर करें--
ओएमआर शीट पर सही का निशान ब्लैक बॉल पेन से लगाएं।
डुप्लीकेट प्रवेशपत्र पर फोटोग्राफ लगाकर सत्यापित कराएं।
सुबह 7:30 बजे परीक्षा केंद्र पर जरूर पहुंच जाएं।
ओरिजनल या डुप्लीकेट प्रवेशपत्र बीएड काउंसिलिंग तक संभाल कर रखें।
ये न करें
कैलकुलेटर, मोबाइल के साथ परीक्षा केंद्र पर न जाएं।
लिखा कागज या किसी तरह की किताब अपने पास न रखें।
हाथ पर किसी तरह की लिखावट भी नकलची बना सकती है।
केंद्राध्यक्ष के दिशा-निर्देश पर अमल न करने की गुस्ताखी से बचें।
जिला                  अभ्यर्थी                 परीक्षा केंद्र
कानपुर नगर-       31,832                      55
फर्रुखाबाद            8,232                        16
सीतापुर-              6,194                        13
रायबरेली-             5,289                       11
उन्नाव-               2,841                         5
सरकारी, गैर सरकारी बीएड कॉलेजों में एडमिशन के लिए 24 अप्रैल को प्रस्तावित संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2013 की हर ओएमआर शीट पर गोपनीय मुहर लगाई जाएगी। यह खास मुहर प्रवेश परीक्षा के दौरान ही केंद्राध्यक्षों को दी जाएगी। मुहर लगने के बाद ओएमआर शीट बदलने की गुंजाइश नहीं रहेगी। पहली बार ओएमआर शीट पर अंगूठे का निशान भी लगवाया जाएगा।बीएड की प्रवेश परीक्षा को लेकर  डुप्लीकेट प्रवेशपत्र मुहैया कराकर 24 अप्रैल को सुबह वितरित करने के निर्देश भी दिए गए। पेपर, शीट लेकर भागने या दूसरे की जगह परीक्षा देते पाए जाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर मंथन


जीजीआईसी फतेहगढ़ में सोमवार को परिषदीय स्कूलों की गुणवत्ता संवर्धन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। यहां गुणवत्ता सुधारे जाने पर मंथन हुआ।
एडी बेसिक विनय कुमार गिल ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार किया जाए। बीएसए भगवत पटेल ने कहा कि शिक्षक कमजोर बच्चों पर खासा ध्यान दें। इन्हें मेधावी बच्चों के समकक्ष लाया जाए। यहां खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक व ब्लाक संसाधन केंद्र समन्वयक मौजूद रहे। इसी कॉलेज में माध्यमिक स्कूलों के बच्चों में शैक्षणिक सुधार के लिए भी बैठक का आयोजन हुआ। कक्षा 9 व 11 के कमजोर बच्चों के उपचारात्मक प्रशिक्षण पर चर्चा की गई। जेडी विनय कुमार पांडे ने कहा कि कक्षा 9 व 11 के कमजोर बच्चों को चिन्हित किया जाए। यहां डीडीआर राजेंद्र प्रसाद, डीआईओएस नंदलाल, जीआईसी के प्रधानाचार्य जय सिंह, राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य भी मौजूद रहे।

क्‍या होगा विशिष्‍ट आवश्‍यकता वाले बच्‍चों का-

उड़ान से पहले ही विकलांग मासूमों की शिक्षा के पर कतरने की तैयारी शुरू हो गई है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित प्री इंटीग्रेशन कैंप के मूकबधिर व नेत्रहीन बच्चों की उम्मीदें बजट कटौती में दफन होने जा रही हैं। राज्य परियोजना के निर्देशों से विशिष्ट आवश्यकता वाले (CWSN) बच्चों को पाठ्यक्रम पूर्ण कराए बिना और बगैर परीक्षा के ही घर भेजने का ताना बाना बुन गया है। कैंप में पढ़ाई कर रही मां की ममता के आंचल से वंचित और गरीब पिता की नेत्रहीन बेटी राधा को अब कैसे मिलेगा शिक्षा का अधिकार।
इन दिनों स्कूल चलो अभियान का चारों ओर खूब शोर है। शिक्षा का हक दिलाने को गांव-गांव कार्ययोजना बनीं लेकिन विकलांग मासूमों का हक छिनने जा रहा है। राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी का 17 अप्रैल को जारी पत्र आया, इसकी चक-चक मासूमों के जहन में छुरी जैसी लग गई। पत्र में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वर्ष 2013-14 की वार्षिक कार्ययोजना व बजट में एक प्री इंटीग्रेशन कैंप के लिए 1 लाख 82 हजार 7 सौ 23 रुपये की धनराशि खर्च कर कैंप बंद करने की कार्रवाई कर दी जाए।
जनपद में 2 कैंप संचालित हैं, एक आवासीय कैंप में वार्डेन को 13 हजार रुपए, 4 शिक्षकों को 12 हजार के हिसाब से 48 हजार रुपए, 3 केयर टेकर को 4200 के हिसाब से 12600 रुपए, 60 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से 30 दिन की दैनिक उपयोग सामग्री के 18 हजार रुपए, 50 रुपए की दर से 60 बच्चों व 8 कर्मचारियों के 30 दिन के भोजन के 1 लाख 2 हजार रुपए मिलाकर कुल 1 लाख 93 हजार 600 रुपए का खर्च है। परियोजना निदेशक ने जो धनराशि अनुमन्य की है, उससे तो यह कैंप बमुश्किल अप्रैल तक ही चल पाएगा जबकि मई में पाठ्यक्रम पूर्ण होना था। फिर परीक्षा व रिजल्ट मिलने की उम्मीदें मासूम लगाए थे। केन्‍द्र सरकार द्वारा बजट काट दिया गया है। पैसा समाप्त होते ही कैंप बंद करने होंगे