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Friday 27 July 2012

Sarve Shiksha Abhiyaan


Sarve Shiksha Abhiyaan



Sarva Shiksha Abhiyan is an effort to universalise elementary education by community-ownership of the school system. It is a response to the demand for quality basic education in Farrukhabad District. The SSA programme is also an attempt to provide an opportunity for improving human capabilities to all children, through provision of community-owned quality education in a mission mode. For More Read....

Primary Education


 प्राथमिक  शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा
एक परिचय



संविधान के अनुच्छेद - 45 में राज्य नीति निर्देशक तत्वों के अन्तर्गत यह व्यवस्था बनाई गई थी कि संविधान को अंगीकृत करके 10 वर्षों के अन्दर 6-14 वय वर्ग के सभी बालक / बालकाओं के लिये नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की जायेगी किन्तु 57 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त नही किया जा सका । यह ठीक है ‍कि 1986 में जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी थी तब से लेकर अब तक विशेष रूप से प्राथमिक शिक्षा के सत्र में काफी सुधार हुआ है। वैसे हर पंचवर्षीय योजना में शिक्षा को विशेष महात्व दिया गया है।  केन्द्र एवं राज्यों ने दसवी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत प्रारम्भिक शिक्षा के सर्व-सुलभीकरण और सभी के लिये शिक्षा के लक्ष्य की पूर्ति के लिये सर्व शिक्षा अभियान अपनाया गया है । यह अभियान क्रान्तिकारी है। इस अभियान के अन्तर्गत सभी बच्चें स्कलों तथा वैकल्पिक शिक्षा केन्द्रों मे होगें लक्ष्य यह भी है कि 6 - 14 वय वर्ग के सभी बच्चें पांच वर्ष की प्रारम्भ्कि शिक्षा पूरी कर ले साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि 2010 तक ऐसी स्थिति आ जाये कि जो बच्चें स्कूल जाने लगे वे स्कूल जाना बन्द न कर दें। आगें पढे -

Mid-day-meal


मध्यान्ह भोजन योजना - एक परिचय


मध्यान्ह भोजन योजना भारत सरकार तथा राज्य सरकार के समवेत प्रयासों से संचालित है| भारत सरकार द्वारा यह योजना १५ अगस्त १९९५ को लागू की गयी थी, जिसके अंतर्गत कक्षा १ से ५ तक प्रदेश के सरकारी/परिषदीय/राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में पढने वाले सभी बच्चों को ८० प्रतिशत उपस्थिति पर प्रति माह ०३ किलोग्राम गेहूं अथवा चावल दिए जाने की व्यवस्था की यी थी| किन्तु योजना के अंतर्गत छात्रों को दिए जाने वाले खाद्यान्न का पूर्ण लाभ छात्र को न प्राप्त होकर उसके परिवार के मध्य बट जाता था, इससे छात्र को वांछित पौष्टिक तत्व कम मात्रा में प्राप्त होते थे| पूर्ण विवरण पढे-



Wednesday 25 July 2012

CM Circular

मा0मुख्‍यमन्‍ञीजी का अध्‍यापकों के प्रति घोषणा पञ





Tuesday 24 July 2012

TET TEST


UPTET : टीईटी को पात्रता परीक्षा का दर्जा


जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए बीते वर्ष आयोजित की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2011 को कैबिनेट ने निरस्त न करते हुए उसे पात्रता परीक्षा का दर्जा देने का फैसला किया है। कैबिनेट के फैसले के बाद शिक्षकों का चयन पुरानी व्यवस्था के अनुसार हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर पर पाये गए अंकों के आधार पर जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली मेरिट के जरिये होगा। पात्रता परीक्षा का दर्जा मिलने की वजह से टीईटी-2011 उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकेंगे। शिक्षकों के चयन की पुरानी व्यवस्था बहाल करने के लिए कैबिनेट को उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन करना होगा। साथ ही, 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी केंद्रीयकृत विज्ञप्ति को निरस्त कर संशोधित नियमावली के आधार पर नये सिरे से जिला स्तर पर विज्ञप्ति जारी करनी होगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 11 फरवरी 2011 को राज्यों को जारी दिशानिर्देश में टीईटी को पात्रता परीक्षा का दर्जा दिया था। मायावती सरकार ने 13 नवंबर को आयोजित टीईटी से महज चार दिन पहले एनसीटीई की मंशा के विपरीत टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक चयन का आधार बनाने का फैसला किया था। इस मकसद से कैबिनेट ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली के नियम-14 में संशोधन किया था। विवादों व अनियमितता के घेरे में आये टीईटी-2011 के सभी पहलुओं का परीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। समिति ने मुख्यमंत्री को टीईटी- 2011 को पात्रता परीक्षा का दर्जा देने की सिफारिश की थी। बाद में कैबिनेट को भेजे गए प्रस्ताव में दो और विकल्प जोड़े गए थे। इनमें से एक विकल्प टीईटी की मेरिट के आधार पर ही शिक्षकों का चयन करने का तथा दूसरा बीते वर्ष आयोजित टीईटी को निरस्त कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का था। कैबिनेट ने दोनों विकल्पों को खारिज कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश पर मुहर लगायी। कैबिनेट के इस विकल्प पर मुहर लगाने की वजह से सरकार को तत्काल टीईटी आयोजित नहीं करना होगा। जिन्होंने उच्च प्राथमिक स्तर के लिए आयोजित टीईटी उत्तीर्ण की है, वे शासकीय सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए पात्र होंगे।प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोजित टीईटी में 2,92,913 व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में 2,64,928 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं

TET


UPTET : बेसिक शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट से

राज्य सरकार ने आखिरकार अध्यापक पात्रता परीक्षा-2011 (टीईटी) को अर्हकारी परीक्षा बनाने का फैसला किया है। इसके लिए बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को में बदलाव करके पुरानी व्यवस्था बहाल की जाएगी। साथ ही, भर्ती केलिए जारी वर्तमान विज्ञप्ति को निरस्त कर संशोधित नियमावली के आधार पर जिला स्तर से विज्ञप्ति जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी

अब सभी शिक्षा मित्र बनेंगे सहायक अध्यापक
प्रदेश सरकार अब शिक्षा मित्रों को बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात करेगी। इसके लिए उन्हें दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के जरिए दो साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। दरअसल स्नातक शिक्षा मित्रों को दो चरणों में ट्रेनिंग दिलाने का निर्णय पिछले साल 11 जुलाई को लिया गया था। इसके तहत पहले बैच में 62 हजार शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण जुलाई 2011 से कराने का निर्णय हुआ। दूसरे बैच का प्रशिक्षण जुलाई 2013 से होना है। कैबिनेट ने दूसरे बैच के प्रशिक्षण को हरी झंडी दे दी है

Monday 23 July 2012

childcare-medical leave

बाल्‍यकाल एवं प्रसूति अवकाश फारमेट

Sunday 22 July 2012

Slogan

महत्‍वपूर्ण श्‍लोगन

'स्कूल चलो अभियान' से संबंधित कुछ नारे -:

  •  'कोई न छूटे इस बारशिक्षा है सबका अधिकार'

  • ‘हिन्दु-मुस्लिमसिख-इसाई मिलकर के सब करें पढ़ाई’

  • ‘आधी रोटी खायेंगे, स्कूल जरूर जायेंगे

  • ‘अब ना करो अज्ञानता की भूल, हर बच्चे को भेजो स्कूल

  • ‘एक भी बच्चा छूटा, संकल्प हमारा टूटा'

  • 'घर-घर विद्या दीप जलाओअपने बच्चे सभी पढ़ाओ',

  • 'पढ़ी लिखी नारीघर-घर की उजियारी'

  • 'पढे़ंगे पढ़ायेंगे, उन्नत देश बनाएंगे'

  • ‘अनपढ़ होना है अभिशाप, अब न रहेंगे अंगूठा छाप'

  • ‘शिक्षा से देश सजाएंगे, हर बच्चे को पढ़ाएंगे

  • '21वीं सदी की यहीं पुकार, शिक्षा है सबका अधिकार

  • ‘हर घर में चिराग जलेगा, हर बच्चा स्कूल चलेगा’

  • ‘लड़का-लड़की एक समान, यही संकल्पयही अभियान

  • ‘मम्मी पापा हमें पढ़ाओ, स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’

  • ‘हर घर में एक दीप जलेगा, हर बच्चा स्कूल चलेगा

  • 'हम भी स्कूल जाएंगेपापा का मान बढ़ाएंगे

  • 'दीप से दीप जलाएंगेसाक्षर देश बनाएंगे'

  • 'मिड डे मील हम खाएंगेस्कूल में पढ़ने जाएंगे'


Saturday 21 July 2012

teacher praroop

अध्‍यापक विवरण प्रपञ 2012
शासनादेश सं0 2352/79-5-12-1(20/12)